शनिवार, 1 मई 2010

अरे (धर्मनिरपेक्ष) हिन्दुओ अब तो जाग जाओ.

आज सुबह परम पूजनीय नित्यानंद जी के विषय में एक खबर सुनी की उन्होंने खुद को नपुंसक घोषित किया है और सी बीआई से उनके पौरुष को जांचने की गुहार की है।

भैया इससे तो मेरे भावुक ह्रदय को तो बड़ी ठेस पहुची।

अभी कथोलिक चर्च का मामला ठंडा नहीं हुआ है। देखो उन लोगों ने किस तरह से अपन धर्म गुरुओ का साथ दिया था। चर्च इतने वर्षो तक अपने सम्माननीय पादरियों के अवैध बच्चों के लालन पालन का खर्च देता रहा। छोटे छोटे मासूम बच्चो के यौन शोषण के मामलों को दबाये बैठा रहा।

इस्लामिक धर्म को मानाने वाले मासूम, निर्दोष और अत्यंत कोमल ह्रदय रखने वाले हमारे देश में रहने वाले अतिथि भी अपने गुमराह, पथ से भटके हुए बच्चों का बड़ी बहादुरी से बचाव करते हैं। मुझे तो उनमे से कुछ लोग इतिहास को बदलने की कोशिश भी करते दिख रहें है । अभी एक जनाब लिख रहे थे की मुसलमानों ने सैकड़ों वर्ष तक भारत पर राज्य किया और फिर भी यहाँ ८०% हिन्दू बचे रह गए यह मुसलमानों की सहृदयता है।

क्या मिसाल है मुस्लिम शासकों के उदार शासन की। सोचने की बात है की ८०% प्रतिशत हिन्दू बचे कैसे रह गए।

चलिए में ऊपर लिखी बातों के परिपेक्ष में अपने हिन्दू भाइयों से सिर्फ यह कहना चाहता हूँ दुसरे धर्मों के लोगों तो अपने घर की गन्दगी को छुपा के, सम्हाल के रख रहे हैं और आप लोग हमेशा की तरह से अपने घर की सफाई में लगे हो।

अरे (धर्मनिरपेक्ष) हिन्दुओ अब तो जाग जाओ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. नित्यानंद की बात को फिलहाल एक तरफ रखते हुए दूसरी बात इस तरह से कहूंगा कि इनसे उम्मीद मत रखिये विचार शून्य जी ! क्योंकि ये भी जल्दी ही मादुरी गुप्ता की तर्ज पर धर्म परिवर्तन की रह पर है , सिर्फ उचित मौक़ा तलाश रहे है !

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  2. sahab sahi baat kahi...dharmnirpekshta ki aad me apne hi dharm ka satya nash kar rahe hai....jaago hindu jago...

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  3. p.c.godiyaal ji se puran roop se sahmat hu
    jo galat h wo to galat hai hi h
    fir bhi aap murdo ko jagaaane ka paryaash kar rahe ho

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  4. अरे बंधु धर्मनिरपेक्षता की आड़ लेकर हम अपनी कमजोरियों को ही हमेशा छुपाने का काम करते है .
    नहीं तो अगर कोई सन्यासी .......डबाजी करता है तो हमारा ही माथे चडाया हुआ है. अगर कोई माधुरी दगाबाजी करती है तो यह वातावरण भी हमारा ही बनाया हुआ है . आज हर चीज को महिमा मंडित भी हम ही करते है . और भोले बनने का स्वांग भरते है . अगर जो गलत है उसे खत्म करने का सहस कर लें तो फिर किसकी हिम्मत है हिन्दुओं के भावनाओ को कुचलने की

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  5. sekular ka matlab desh droh hai .hinduo ke bhawnao ke sath khilwad karne ki adat si ho gayi hai .hinduyo ka swabhiman jagana padega.
    dhanyabad
    subedar

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  6. हमारे देश में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर जो हो रहा है, वह धर्मसापेक्षता है। अभी तक जितनी भी सरकारें रही हैं, सभी ने इन्हीं नीतियों को अपनाया और बढ़ाया है।
    किसी धर्म विशेष का विरोध करना गलत है, और उतना ही गलत है किसी अपराधी या कसूरवार को छूट देना, सिर्फ़ उसके धर्म के कारण।
    लेकिन वोट बैंक की राजनीति, जो न करवाये वही कम है। अच्छे बुरे लोग हर धर्म, हर सामाज में हैं।
    वैसे, सच कहूं तो आजकी पोस्ट की आखिरी पंक्ति मुझे स्पष्ट नहीं हो सकी, आप क्या यह अपील करना चाह रहे हैं कि हिन्दुओं को भी अपने घर की गन्दगी को बचाकर रखना चाहिये?

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